बी. आर. आंबेडकर जयंती समारोह

आज दिनांक 14 अप्रेल 2024 को मां चण्डीधाम मंदिर बादषाह हलवाई मंदिर पोलीपाथर में नागरिक अधिकार मंच द्वारा डॉ. बी. आर. आंबेडकर जयंती मनाई गई जिसमें सबसे पहले बच्चों द्वारा केक काटा गया। कार्यक्रम का संचालन युवा साथी ईषा चौधरी द्वारा गीत गाकर किया गया। साथ ही बच्चो द्वारा डांस की प्रस्तुतियां की गई। कार्यक्रम स्थल में 200 से अधिक महिला, पुरुष और बच्चे उपस्थित रहे |

इसके बाद शिव कुमार जी द्वारा आये हुये अतिथियों का अभिवादन कर पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। उन्होने आगे अपनी बात रखते हुये कहा, कि  आज की जो परिस्थिति है उस पर चिंतन करते हुये कहा  कि संविधान क्या कहता है?  वह समझे, बाबा साहब की कुर्बानी का नतीजा है कि आज हम अपना जीवन अच्छी तरह जी रहे है।

इसके बाद अरमान फाउन्डेषन संस्था से अब्दुल रहीम (ट्रांसवूमन) जी- द्वारा कहा गया कि बाबा साहब आंबेडकर जी का जन्मदिन लोग अलग अलग तरह से मनाते है। सब की अपनी श्रद्धा है, आंबेडकर जी ने सभी लोगो को ंन्याय मिले, सभी मे समानता लाने का प्रयास किया,  जिस समय संविधान का निर्माण किया जा रहा था, उस समय के लोग दूरदर्षी थे। उस समय दो ही जेंडर थे महिला व पुरूष। उस वक्त थर्ड जेंडर गिनती में नही था, पर जब संविधान बना उसमें लैंगिक  आधार पर अवसरो की समानता, जीवन यापन के लिये समान अवसर हो और वक्त के हिसाब से हम उनको कैसे सही कर सकते है। हमारा संविधान लचीला है उसमें जरूरत के हिसाब से संषोधन किया जा सकता है। संविधान से ही इस देष की सरकार चलती है। पर संविधान की जो आत्मा (प्रस्तावना) है उसमें बदलाव नही किया जा सकता। संविधान में जो मूल्य है वह हमारे जीवन से जुडे है, यदि व्यक्ति को सारी सुख सुविधाएं दे दी जाए पर स्वतंत्रता न हो तो वह सुख सुविधा किसी काम की नही। हमें मूल्यों का ज्ञान होना जरूरी है, अगर हमें मूल्यो का ज्ञान नही होगा तो हम उन मूल्यों को जीयेगे नही। भारत में आर्थिक, राजनीतिक परिवेष मेे मूल्यों को जानने और समझने की आवष्यकता है। आप लोगो को जिम्मेदार नागरिक होने का प्रमाण देना है जिस दिन आप खुद जागरूक होगे तो दूनिया बदल सकतें है । बाबा साहब भी पहले खुद जागरूक हुये और उसके बाद उन्होने दुनिया को बदला।इसके बाद जागृति संस्था से साजिद अंसारी जी ने कहा कि नौजवान जो है वह पढ लिख कर वही सीमित हो जाता है, लेकिन अगर महिलाये षिक्षित होगी तो पूरा परिवार षिक्षित करेगी. हमें अपने अधिकार की लडाई लडनी है। बच्चियां षिक्षित हो यही सोच बाबा साहब जी की भी रही, और उनके ही कारण आज महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त है।

इसके बाद एडवोकेट अरविंद चौधरी जी द्वारा कहा गया कि बाबा साहब जी का जन्म भारत मे हुआ है लेकिन पूरे विष्व मे भी उनकी जयंती मनाई जाती है। बाबा साहब को तो हम सब जानते है अपनी बात रख रहे है ये उन्ही की देन है। बाबा साहब ने कहा आप षिक्षित हो भले एक समय का खाना खाये पर पढिये। मेरी विषेषकर महिलाओं से प्रार्थना है कि वे अपने बच्चो को षिक्षित करे और पढाई के लिए प्ररित करे, जो बच्चे पढाई छोड चुके है वो प्राईवेट मे पढाई पूरी करे और नषे से दूर रहे। आज के बच्चे नषे की तरफ बढ रहे है इसलिये उनके भविष्य को बचाने के लिये घर की महिलाओं को खासकर ध्यान देना है। आज देष को जागरूक नागरिक की जरूरत है संविधान ने हमे वोट डालने का अधिकार दिया है हमे इसके महत्व को समझना चाहिये।

इसके बाद रामरतन यादव जी द्वारा कहा कि देष की सबसे बडी आबादी पिछडा वर्ग है। इसमे कुछ संपन्न लोग अपने आप को ठाकुर मान कर चल रहे है। बाबा साहब ’हिन्दू कोड बिल लाकर महिलाओ को सम्पति में बराबर का अधिकार दिया है। बाबा साहब को दलितो का मसीहा कहा,गया पर  बाबा साहब ने सबसे ज्यादा महिलाओं को अधिकार के लिये कार्य किया है। धर्म व्यक्ति का बहुत निजी मामला है हम लोग आपस में मंदिर मस्जिद, हिन्दू मुसलमान करते है और इसके लिये हमारे देष के प्रमुख हमसे ताली भी बजवा सकते ह,ै और थाली भी, दीपक भी जलवा सकता है. जब षासक को ये पता हो जाए कि जनता जब इन चीजो पर ध्यान देने लगती है तो हम अपनी मूल जरूरतो को भूल जाते है। बाबा साहब ने षिक्षा को वो षेरनी का दूध है जो पीयेगा वह दहाडेगा , पर आज का नौजवान बेहोष हो गया है, उसे जागना है और अपने अधिकार को पहचानना है।हाई कोर्ट के वरिष्ट एडवोकेट अरविंद श्रीवास्तव जी द्वारा बताया कि आज भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब आंबेडकर जी की जयंती है, ये एक ऐसे व्यक्ति है जिनकी जयंती भारत मे ही नही बल्कि पूरे विष्व मे मनाई जाती है. कुछ लोग इसे खुषी से मनाते है कुछ बेमन से। हमारे देष मे बहुत सारे ग्रंथ जैसे गीता, कुरान, बाइबिल हो या और कोई ग्रंथ पर बाबा साहब का संविधान एक ऐसा ग्रंथ है जो सब पर लागू होता है। बचपन में हमे जो संस्कार दिये जाते है उसी आधार पर हम जीवन जीते है हम आज कई जातियो, धर्म मे बटे हुये है लेकिन अगर बचपन को ये षिक्षा दी जाए कि जाति समाज से आई है पर लोगो ने इसे जीने का आधार बना दिया। आज बच्चो में जिम्मेदारी की भावना की कमी है आज सबसे बढी जरूरत है कि बच्चे संविधान को जाने। आज स्कूलो में पहले जैसी पढाई नही हो रही है हम लोग बाहर की चमक में भटक रहे है। हम अपने आदर्ष फिल्मी कलाकारो को बनाने लगे है और भटक रहे है।. बाबा साहब ने लोगो को समानता से जीने, बंधुता बढाने, सभी स्वतंत्रता के साथ जिये इसके लिये संविधान बनाया। सभी को षिक्षा का अधिकार मिले कोई किसी को छोटा बडा न समझे। आज आप भले ही बाबा साहब को माला न पहनाये, पर षिक्षा के महत्व को समझे। यही उनके लिये आपकी श्रद्धांजली होगी।

इसके बाद एडवोकेट राजेन्द्र गुप्ता जी कहा  कि पूरी दुनिया में आज बाबा साहब का जन्मदिन मनाया जा रहा है आज का युवा जाग्रत नही है बाबा साहब ने वोट देने का अधिकार दिया, आज जो एक आदमी के वोट का महत्व है वही अंबानी या अडानी के वोट का है। आज कुछ लोगो द्वारा संविधान को खत्म करने का षडयंत्र रचा जा रहा है। स्कूलो मे बच्चो कांे संविधान नही पढाया जायेगा। सरकारी स्कूलो में किसके बच्चे पढतें है आप हम गरीबों के बच्चे पढते है। अगर ये बच्चे संविधान को जानेगे तो सवाल करेग,े अपने अधिकार की बात करेगे इसलिये उन्हे संविधान नही पढाया जा रहा है। संविधान हमे जीवन जीने का अधिकार देता है। हमे किस धर्म को मानना है ये हम निष्चित करेगे ना कि समाज। बाबा साहब ने षिक्षा को व्यक्ति का सबसे बडा हथियार माना है, षिक्षा ही जो व्यक्ति को आगे ले जाती है, इसलिये उन्होने कहा  कि बच्चो पढों और अपने परिवार की जिम्मेदारी समझो, देष की जिम्मेदारी समझो, आगे पढे लिखे जागरूक व्यक्तियों की देष को जरूरत है. जिस देष के लोग जागरूक होगे उस दिन देष का सही निर्माण होगा।

इसके बाद बच्चोे द्वारा डांस प्रस्तुतिया दी गई, अर्चना चौधरी द्वारा गीत गाया गया।

इस कार्यक्रम में वरिष्ट एडवोकेट अरविंद श्रीवास्तव जी, एडवोकेट राजेन्द्र गुप्ता जी, अरमान फॉउन्डेषन से अब्दुल रहीम जी, साजिद अंसारी जी, अरविंद चौधरी जी, रामरतन यादव, ष्षैली धोपे जी, षिवकुमार जी, कृष्णा चौधरी जी, अर्चना चौधरी जी, कहकंषा खानम, कौषल जी, भावना बेदी, दीक्षा यादव अभिषेक व बस्ती से 200 युवा साथी व स्थानीय महिलाये व जन समूह उपस्थित रहा।

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