
पटवारी की अवैध वसूली के खिलाफ तहसीलदार की ज्ञापन
आज दिनांक 26/06/25 को नागरिक अधिकार मंच के तत्वाधान में संविधान जागरूकता फोरम द्वारा अनुविभागीय कार्यालय में तहसीलदार को एक ज्ञापन दिया गय|
ज्ञापन के माध्यम से शिव कुमार जी ने तहसीलदार महोदय को बताया गया कि राधिका कोल, रिहान कोल, नीरज कोल और शालिनी कोल जो कि अनुसूचित जन जाति वर्ग की छात्र और छात्राये है , जिनका संगठन के माध्यम से आपके समक्ष जाति प्रमाण के लिए आवेदन किया था |
आपको ज्ञात हो कि पटवारी श्रीमती नीलम बंशकार जी ने स्थल निरिक्षण के दौरान जाति प्रमाण पत्र के एवज में 1000-1000 रूपये की मांग की और उनकी यह मांग पूरी न होने के कारण उन्होंने उक्त सभी आवेदकों गलत, झूठी और भ्रामक जानकारी पेश कर उनका आवेदन निरस्त करा दिया है, जिसके कारण ये बच्चे अपने छात्रवृत्ति के लाभ से वंचित रह गए है, जबकि शासन का निर्देश है कि जाति प्रमाण पत्र के1 अनुसूचित जाति व जन जाति आवेदकों से निवाद और जाति के 1950 के दस्तावेजो की अनिवार्यता नहीं है, इन वर्गों आवेदको के जाति प्रमाण पत्र के लिए समुदाय में पंचनामा और स्थानीय जनप्रतिनिधि ( पार्षद ) के अनुमोदन के आधार पर जारी किये जा सकते है|

अतः संगठन आप से मांग करता है की पटवारी श्रीमति नीलम बंशकार पर उचित कार्यवाही किया जाये ताकि वह दूसरे बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ न कर सके और बच्चो के दस्तावेज का सत्यापन कर जाति प्रमाण जारी करने की कृपा करे| इस कार्यक्रम में रेशमा कोल, सुषमा कोल, उर्मिला कोल, कमला कोल, गायत्री कोल, ब्रजकुमारी कुमारे, अमीषा कोल, मनो कोल, संजना कोल , नंदिनी सूर्यवंशी, विकास खोबरागाड़े और शिव कुमार उपस्थित रहे
One thought on “पटवारी की अवैध वसूली के खिलाफ तहसीलदार की ज्ञापन”
यह घटना सामाजिक न्याय और प्रशासनिक जवाबदेही के महत्व को उजागर करती है। पटवारी द्वारा की गई अनुचित मांग ने छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है। संविधान के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों को समान अवसर मिलने चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि ऐसे मामलों में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की जाए। क्या इस मामले में उच्च अधिकारियों का हस्तक्षेप होगा? German news in Russian (новости Германии)— quirky, bold, and hypnotically captivating. Like a telegram from a parallel Europe. Care to take a peek?