नागरिक अधिकार मंच कें तत्वाधान में स्थानीय सामूदायिक भवन में 8 मार्च अंर्तराष्टीय महिला दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य आतिथि ग्वारीघाट थाना प्रभारी श्रीमति संगीता सिंह और परियोजना सुपरवाइजर शाहजहां मंसूरी उपस्थित रही। कार्यक्रम का संचालन शिव कुमार जी नें किया, कार्यक्रम में आंगनबाडी कार्यकर्ता , अंबेडकर नगर, संजय नगर, रविदास नगर, बागडा दफाइ, पारसवाडा, श्याम नगर, चेरीताल सें 100 सें अधिक महिला साथी उपस्थित रही।

कार्यक्रम में थाना प्रभारी संगीता सिंह जी कें द्वारा महिलाओं कों पारिवारिक मूल्यों और शासन की योजनाओं कें बारे में महिलाओं बताया। आप नें बताया की हम महिलआयें अपने परिवार की धुरी है हमें परिवार को भी संभालना है और खुद को भी। पति पत्नी के झगडें में बच्चों कें जीवन पर बुरा असर पडता है जैसा वों देखतें है ठीक वैसा ही सीखतें है इसलिए जब कभी पति पत्नी के बीच कोई बात हों मनमुताव हो तों उसें आपस में बात करके खत्म कर दे। मैनें देखा है कई जगहों पर महिलायें इतना ज्यादा खाना बना लेती लगता है दोनो टाईम का एक बार में ही बना लेती है ताकि शाम को खाना बनाना ना पडे, शाम को वो खाना खराब हो जाता हैं फिर रास्तें या नाली के किनारें फेक देते है जिससें अन्यापूर्णा और हमारी मेहनत का अपमान होता है। आगें आपनें बताया की घरेलू हिंसा क्यों होता है | महिलायें बहूत ही महत्वकांक्षी होती है, महिलाओं को लगता है उसके घर में यें है मेरे घर में नही उसके यहा गाडी है मेरे यहा नही उसके पास बहुत सारे गहनें है, मेरे पास नही है , यही करण होतें है घर में कलह पैदा करने की जिसका असर आपके बच्चों पर होता है| आपने बताया आप खुद और अपने बच्चों कों सोशल मीडिया सें दूर रखें| आप शादी में गयें या घूमनें गयें वहा पर सेल्फी लेते है फिर सोशल मीडिया में पोस्ट कर देते है, सोशल मीडिया में आपकी फोटों किसी दूसरें के चेहरें पर लगा देते है और फिर आपकों ब्लैकमेल करतें है, इन घटनाओं की आयें दिन हमारें थानें में शिकायत दर्ज होती है। साथ ही आपनें महिलाओं कों शासन की योजना कें बारें में आपनें बताया की महिलाओं कों बहुत सारी योजना है सिलाई कढाई पर प्रशिक्षण दिया जाता है, पार्लर का कोर्स कुकिंग कोर्स और ऐसे बहुत सी योजनायें है आप क्या सीखना चाहतें है आपकों ये तय करना है।
शिव कुमार जी –
महिलाओं को अंर्तराष्टीय महिला दिवस की बधाई देते हुयें आपनें कहा आज महिला दिवस का कार्यक्रम है और महिलाओं कें मुक्तिदाता डॉ भीमराव आंबेडकर जी की बात ना करें तो कार्यक्रम अधुरा सा होगा। भारत में महिलाओं को मुक्ति नही थी वो गुलामों की तरह जीती थी फिर भी आज भी महिलायें सुबह – सुबह उठती है तो क्या करती है, सच तो ये है की हम लोग बईमान है जिसनें हमें मुक्ति का रास्ता दिया, हम उन्हे ही याद नही करते असल में ये हमारी फितरत है जो हमारे लिए अच्छा करते है हम उनको ही भूल जाते है| हम किसको याद करते है जिसने हमारे लिए कुछ नही किया। आज भी हमारी बहन बेटी के साथ बालात्कार होता है क्या कोई भगवान आता है बचानें, मगर डॉ भीमराव आंबेडकर का संविधान हमें बचाता है, अधिकार हमें संविधान सें मिलता है, ताकत हमें संविधान सें मिलती है. सुरक्षा हमें संविधान सें मिलता हैं और वो संविधान डॉ भीम राव आंबेडकर जी नें बनाया है और लोग बाबा साहब को जाातियों में बांट देतें है। कई लोगो की धारणा है की बाबा साहब भीमराव आंबेडकर दलितों कें नेता है, लोग बच्चों में भी ऐसी धारणा बन तें है, पर मै आपको बता दूँ कि हमारी मूक्ति के दाता भगवान नही……डॉ भीम राव आंबेडकर जी है।
चर्चा के आखिर में परियोजना सुपरवाइजर शाहजहां मंसूरी जी कें द्वारा महिलाओं कों आंगनबाडी में मिलनें वाली सुविधाओं कें बारे में महिलाओं कों जानकारी प्रदान की कार्यक्रम में रमाई समूह सें अनीता सहारें नें महिला सशक्तिकरण पर एक गीत प्रस्तृत किया व आंगनबाडी कार्यकर्ता और समूह की महिलाओं को संस्था की ओर सें सभी साथियों कों एक -एक स्टाॅल गिफट किया।


